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February 8, 2025 6:37 am

पाकुड़ में विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू, राजनीतिक दलों के बीच होगा कड़ा मुकाबला।

भाजपा और सत्ताधारी दल अपनी रणनीतियों कर रहे तैयार, जनता की निगाह नए मुद्दों पर।

राजकुमार भगत

पाकुड़। विधानसभा चुनाव अपनी सुनिश्चित तिथि पर होगी। इसकी तैयारी प्रशासनिक स्तर से प्रारंभ है ।तो दूसरी ओर राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम जनता भी उत्साहित है।

कई नई मुद्दों पर चुनाव में जनता की निगाह

अगर कोई राजनीतिक दल केवल विकास और दूसरे पार्टी को नीचा दिखाकर जनता का मन जितना जितना चाह रहा है तो वह उसकी बड़ी भूल होगी। जनता को अपनी लाभ हानि का खूब पता है। इसलिए अबकी बार विधानसभा चुनाव में केवल नए पुराने समीकरणों के आसरा नहीं बल्कि जनता का व्यक्तिगत लाभ अहम माने रखता है। इसलिए किसी पार्टी अभद्र टिप्पणी देने से अच्छा होगा कि नए मुद्दों को लेकर चले और जनता की लाभ की बात करें। जनता पहले अपना हित देखेगी। किसने क्या किया इस पर जनता का कोई असर नहीं होगा!? हमारे परिवार के लिए कौन क्या किया यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है। जिसका जनता आकलन करने में लगी है।

भाजपा के लिए राह नहीं है आसान, करना होगा मेहनत

संथाल परगना में भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला उठाकर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती है । इनका यह मुद्दा कितना कामयाब होगा यह तो 23 नवंबर को स्पष्ट हो जाएगा । जब मतगणना होगी। चुनाव में भाजपा संथाल परगना क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठ के अलावे भ्रष्टाचार के मुद्दे को भी जीरो टॉलरेंस पर लाने का वायदा कर विपक्षी दलों को सीधा प्रहार करने का मन बना लिया है। कई मंत्रियों और नौकरशाहों को की करगुजारियों को जनता के समक्ष रखकर अपने लिए वोट मांगने की तैयारी में है। खासकर पाकुड़ के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री को अपनी मुद्दा बना सकते है। सरकार की योजनाओं का राजनीतिककारण और असफल बताकर राजनीतिक चाल चलने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। जहां तक जनता को तोड़ने की बात है, तो नहीं लगता है कि जनता इन बातों को बहुत अहमियत इन बातों को देगी।

सत्ताधारी दल भाजपा को देंगे जवाब

भाजपा सत्ताधारी दल को कमजोर आंकने में तुली है। तो दूसरी ओर सत्ताधारी दल एक साथ मिलकर सरकार की योजनाओं के प्रति अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। वह समाज के बीच जा रहे हैं एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यों का सराहना एवं सरकार की उपलब्धियां को बता रहे हैं । हाल में प्रारंभ किए गए , मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी लडली योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, सिद्धू कानू आवास योजना ,आबुआ आवास योजना, आदि काफी प्रचलित हुआ है। आदिवासी मूलवासी के हक व अधिकार , जल जंगल और जमीन के मुद्दों पर भाजपा को घेरने की तैयारी में है। अब देखना है जोर कितना बाजूए कातिल में है। कल फिर आएंगे नई समीकरण राजनीतिक दलों की लोग लुहावन वादे के साथ।

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